जनवकालत न्यूज़।
वैसे तो लोकतंत्र में प्रत्येक को अपने अपने स्तर से सब कुछ पाने के लिए किसी भी हद तक जाकर लक्ष्मण रेखा पार करने की आदत है, और जब राजनीतिक क्षेत्र की बात आती है, तो इंसान अपना सब कुछ दाव पर लगा देता है, लेकिन पद पाने की होड़ में पीछे नहीं रहना चाहता है। वही रतलाम में एक युवा ऐसा भी है, जिन्होंने तरुण अवस्था से ही इंसानियत को गले लगाया। जिसने सर्वगुण संपन्न, साधन-संपन्न होने के बावजूद कभी अपने आप में अहंकार रूपी दानव को अपने पास फटकने तक नहीं दिया। स्मरण रहे पिछले नगर निगम चुनाव 2014 में युवक कांग्रेस अध्यक्ष मयंक जाट ने स्वयं का पार्षद टिकट एक अदने से कार्यकर्ता के नाम कर दिया तथा कार्यकर्ताओं को विजयश्री का वरण भी करवा दिया। आज रतलाम नगर निगम चुनाव में भाजपा के पूर्व पार्षद व नेता टिकट को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं, वहीं कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी मयंक जाट सदैव सर्व सम्मत रास्ता अख्तियार करने के पक्षधर रहे हैं। राजनीति में पारदर्शिता रखने वाले ऐसे हैं… मयंक जाट….
