रतलाम |
मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना संबल में जिले के 660 हितग्राहियों को 8 करोड़ 61 लाख रुपए से अधिक की आर्थिक सहायता विभिन्न प्रयोजनों में प्रदान की गई है। जिले के 347 परिवारों को 17 लाख 35 हजार रुपए की अन्त्येष्टि सहायता दी गई है। सामान्य मृत्यु की दशा में अनुग्रह सहायता के रुप में 5 करोड़ 64 लाख रुपए सहायता राशि 282 परिवारों को दी जा चुकी है। इसके अलावा 31 परिवारों को दुर्घटना की दशा में अनुग्रह सहायता 1 करोड 24 लाख रुपए की प्रदान की गई है। यह जानकारी सम्पन्न समयावधि पत्रों की समीक्षा बैठक में दी गई। सीईओ जिला पंचायत श्री सोमेश मिश्रा, अपर कलेक्टर श्री जितेन्द्रसिंह चौहान तथा जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने निर्देश दिए कि संबल योजना में चेक किया जाए कि पंजीकृत हितग्राहियों में कहीं अपात्र व्यक्ति तो सम्मिलित नही है। खासतौर पर आलोट क्षेत्र के किशनगढ़, डाबडिया, नेगरून आदि गांवों का जिक्र करते हुए निर्देशित किया कि इन गांवों में आबादी के मान से पंजीकृत हितग्राहियों की संख्या अधिक प्रतीत हो रही है। इसके साथ ही उन्होंने सैलाना के कोलपुरा, केलदा तथा बाजना के देथला इत्यादि गांवों की चर्चा करते हुए निर्देशित किया कि इन गांवो में आबादी के मान से अपेक्षाकृत पंजीयन संख्या कम दिख रही है। समाधान एक दिवस योजना की समीक्षा में कलेक्टर ने पाया कि पिपलौदा, जावरा जनपदों के सीईओ द्वारा जहां शाम को 4.30 बजे के बाद प्राप्त आवेदनों का निराकरण उसी दिन करके आवेदक को दस्तावेज उपलब्ध कराए गए है, यह सराहनीय है।
सीएम हेल्पलाईन में लंबित प्रकरणों की समीक्षा कलेक्टर ने निर्देश दिए कि अधिकारी अपने संयुक्त संचालक कार्यालय में जाएं तो प्रकरण निराकरण की कम्प्युटर कार्रवाई में सहायता के लिए अपना आपरेटर साथ लेकर जाएं। खरीफ पंजीयन की समीक्षा में पाया गया कि बड़ावदा का पंजीयन केन्द्र प्रिंटर के अभाव में काम नहीं कर रहा है, कलेक्टर ने तत्काल किराये का प्रिंटर लेकर काम शुरू करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि 29 सितम्बर तक सभी खाताधारक किसानो का पंजीयन करना है, बचे दिनों के लिए कार्ययोजना बना ले। मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना की समीक्षा में ट्राईबल विभाग द्वारा वितरण की स्थिति कमजोर पाई गई। संबल योजना के पंजीयन में सीएमओ पिपलौदा को कमजोर प्रगति पर शोकाज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए। सीएमओ आलोट की प्रगति भी कमजोर पाई गई।
विधानसभा निर्वाचन तैयारियों की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने निर्देश दिए कि अतिसंवेदनशील क्षेत्रों के चिन्हांकन में देरी नहीं की जाए। जावरा क्षेत्र में अब तक अतिसंवेदनशील क्षेत्र चिन्हांकित नहीं किया गया है, एसडीएम तत्काल इस दिशा में कार्य करें। कलेक्टर ने विगत विधानसभा चुनाव में ऐसे मतदान केन्द्र जहां 90 प्रतिशत मतदान हुआ था वहां यह चेक करने के निर्देश दिए कि क्या 75 प्रतिशत मत किसी एक ही उम्मीदवार को तो नही मिले थे। जिला आबकारी विभाग को अवैध शराब के विरुद्ध धरपकड़ की कार्यवाही में तेजी लाने के निर्देश दिए गए।