Home मध्यप्रदेशरतलामरतलाम नगर निगम के लेखापाल के घर पर छापा: इंदौर से सुबह 4 बजे पहुंची ईओडव्लू की टीम, धार में पिता के निवास पर भी जांच…

रतलाम नगर निगम के लेखापाल के घर पर छापा: इंदौर से सुबह 4 बजे पहुंची ईओडव्लू की टीम, धार में पिता के निवास पर भी जांच…

by Prakash Tawar
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नगर निगम में उपायुक्त पद किया था निष्कासित…

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रतलाम/जन वकालत न्यूज। रतलाम में नगर निगम के लेखापाल अधिकारी विकास सोलंकी के घर ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) ने छापा मारा है। इंदौर से अफसरों की टीम सुबह करीब 4 बजे सोलंकी के ग्लोबस कॉलोनी और धार स्थित रिंगनोद गांव में पैतृक निवास पर पहुंची। ईओडव्लू के इंदौर डीएसपी पवन सिंघल के नेतृत्व में टीम दस्तावेजों की जांच कर रही है।सूत्रों के मुताबिक, मामला आय से अधिक संपत्ति से जुड़ा है।

पत्नी जिला पंचायत, पिता सहकारी समिति के प्रबंधक-

विकास सोलंकी की पत्नी प्रीति डेहरिया जिला पंचायत में अकाउंट ऑफिसर के पद पर हैं। उनके पिता नंदकिशोर सोलंकी आदिम जाति सेवा सहकारी समिति के प्रबंधक हैं। पैतृक घर पर मां, बड़े भाई और भाभी रहती हैं। भाई की इंदौर और जोबट के बीच दो बसें चलती हैं।

पहले भी विवादों में रहे हैं सोलंकी-

विकास सोलंकी पहले भी विवादों में रहे हैं। 7 महीने पहले उज्जैन लोकायुक्त ने सोलंकी समेत 36 आरोपियों के खिलाफ राजीव गांधी सिविक सेंटर के प्लॉट्स बेचने के मामले में एफआईआर दर्ज की थी। सिविक सेंटर की करोड़ों की जमीन को कम दामों में बेचने का आरोप था। केस दर्ज होने के बाद सोलंकी को नगर निगम में कमिश्नर पद से निलंबित कर दिया गया था। विभागीय स्तर पर भी कार्रवाई के बाद उनका निलंबन खत्म करके उन्हें अकाउंट ऑफिसर बनाया गया था।

एमआईसी को बताए बिना बेचे थे खाली प्लॉट-

7 और 9 मार्च को रतलाम नगर निगम के सम्मेलन में पार्षदों ने सिविक सेंटर के प्लॉट्स अवैध रूप से बेचे जाने की शिकायत की थी। कहा था कि मेयर इन काउंसिल (एमआईसी) के संज्ञान में लाए बगैर खाली प्लॉट्स की रजिस्ट्री कराई गई है। 11 जून को लोकायुक्त ने निगम के तत्कालीन आयुक्त एपीएस गहरवाल, उपायुक्त विकास सोलंकी, उप पंजीयक रतलाम प्रसन्न गुप्ता समेत जमीन खरीदने-बेचने वाले 36 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था।

लोकायुक्त की एक टीम रतलाम आकर मामले से जुड़े दस्तावेज भी ले गई थी। इसके बाद निगम आयुक्त गहरवाल को निलंबित कर दिया गया था। उपायुक्त सोलंकी को भी हटा दिया गया था। लोकायुक्त ने माना था कि रतलाम नगर निगम के अधिकारियों द्वारा अन्य आरोपियों के साथ मिलकर जमीनों की रजिस्ट्री कराई गई। शासन को धोखे में रखकर आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया।

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