रतलाम। जनवकालत न्यूज
कानून की नजर में सब लोग एक समान है। चाहे वो वकील हो या सामान्य व्यक्ति,यदि किसी ने नियमों का उल्लंघन किया है,तो उसे सजा भुगतना पडती है। यही स्थिति रतलाम जिला न्यायालय में प्रेक्टिस करने वाले वकील राजेश बाथम की हुई,जिन्हे चैक अनादरण के एक मामले में रतलाम के एक न्यायालय ने छ: मास के कारावास की सजा सुनाई। इस मामले में वकील राजेश बाथम की पत्नी को भी सजा दी गई है।


चैक अनादरण का यह प्रकरण देवीसिंह कालोनी निवासी शिवनारायण सोनी ने लगााया था। अभिभाषत राजेश बाथम ने फरियादी शिवनारायण सोनी से एक लाख रु.उधार लिए थे और कर्जा चुकाने के लिए एक लाख का चैक फरियादी को दिया था। जब फरियादी ने चैक बैैंक में प्रस्तुत किया,तो बैैंक ने यह कहकर चैक लौटा दिया कि खाताधारक ने भुगतान नहीं करने के निर्देश दिए है। इस बात से व्यथित होकर शिवनारायण सोनी ने रतलाम की न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सुश्री मनदीप कौर सेहमी के न्यायालय में वाद प्रस्तुत किया। वाद में विद्वान न्यायाधीश सुश्री सैहमी ने वकील राजेश बाथम तथा उनकी धर्मपत्नी कमलेश बाथम को दोषसिद्ध करार देते हुए छ: माह के कारावास तथा एक लाख पैतालिस हजार रु.अर्थदण्ड की सजा सुनाई। अर्थदण्ड अदा नहीं करने पर एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पडेगा।