जनवकालत न्यूज / देहरादून |
जोशीमठ में होटल माउंट व्यू को तोड़े जाने की कार्रवाई शुरू हो गई है। जोशीमठ में बीते मंगलवार को ही होटल माउंट व्यू और मलारी इन को ध्वस्त किया जाना था, लेकिन होटल स्वामियों ने कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया। उनका कहना था कि आर्थिक मूल्यांकन नहीं किया गया।



जोशीमठ शहर में असुरक्षित भवनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अब तक कुल 678 भवन चिह्नित किए जा चुके हैं। सीबीआरआई की टीम ने सोमवार को मलारी इन और माउंट व्यू होटल का सर्वे किया था। आज बृहस्पतिवार को होटल माउंट व्यू को ढहाया जा रहा है। इन होटलों को अत्यधिक क्षति पहुंची है।
जिलाधिकारी हिमांश खुराना ने जोशीमठ आपदा अधिनियम 2005 की धारा 34 टी के तहत होटल मलारी इन व माउंट व्यू को आम जन मानस की सुरक्षा की दृष्टि से तत्काल ध्वस्त किए जाने के आदेश जारी किए थे। जोशीमठ में होटल को तोड़ने जाने की कार्रवाई शुरू गई है। जोशीमठ में बीते मंगलवार को ही होटल माउंट व्यू और मलारी इन को ध्वस्त किया जाना था, लेकिन होटल स्वामियों ने कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया। उनका कहना था कि आर्थिक मूल्यांकन नहीं किया गया, साथ ही नोटिस तक नहीं दिए गए। विरोध बढ़ने पर प्रशासन को कदम पीछे खींचने पड़े। हालांकि अधिकारियों का कहना कुछ और ही था। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ.रंजीत सिन्हा ने कहा कि ऊंचे भवनों को तोड़ने के लिए क्रेन की आवश्यकता है, जो वहां नहीं मिल पाई। इसलिए देहरादून से क्रेन भेजी गई ।
723 पहुंची दरार वाले भवनों की संख्या
जोशीमठ में असुरक्षित भवनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मंगलवार को 45 भवन और चिन्हित किए गए। इस तरह से अब तक कुल 723 भवन चिन्हित किए जा चुके हैं। इनमें से 86 भवनों को पूरी तरह से असुरक्षित घोषित कर लाल निशान लगा दिए गए हैं। जल्द ही इन भवनों को ढहाने की कार्रवाई शुरू होगी।
होटल तोड़ने जरूरी
मलारी इन और माउंट व्यू होटल को चरणबद्ध तरीके से गिराया जाएगा। ये होटल टेड़े हो गए हैं। इसे तोड़ना जरूरी है क्योंकि इसके नीचे भी कई घर और होटल हैं और अगर ये ज्यादा धंसेगा तो कभी भी गिर सकता है।

ऐसे हालात उत्पन्न होने का मुख्य कारण- इमारतें बनाने में तोड़े गए नियम
जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण आया और गया
त्रिवेंद्र सरकार ने 2017 में जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण का गठन करते हुए जोशीमठ जैसे क्षेत्रों को विनियमित करने का प्रयास किया लेकिन विरोध के चलते सरकार को इसे वर्ष 2021 में स्थगित करना पड़ा। चार साल तक इन प्राधिकरणों में डीएम को उपाध्यक्ष और एडीएम को सचिव की जिम्मेदारी देकर जिंदा रखा गया लेकिन इन्हें चलाने के लिए इंजीनियर व अन्य विभाग मजबूती से तैयार ही नहीं हो पाए। लिहाजा, जोशीमठ के विकास का कोई रोडमैप तैयार नहीं हो पाया।
जोशीमठ से पलायन करती महिलाओं की रुला देने वाली तस्वीरें, सिलेंडर के साथ घर छोड़ते वक्त रोने लगे लोग ।
#Joshimath से पलायन करती महिलाओं की रुला देने वाली तस्वीरें, सिलेंडर के साथ घर छोड़ते वक्त रोने लगे लोग!! https://t.co/47eLUUecbZ pic.twitter.com/IgzAMtghCd
— Sandeep Khasa (@SamKhasa_) January 12, 2023