Agneepath scheme: अग्निपथ योजना को हाईकोर्ट से मिली हरी झंडी, सभी 23 याचिकाएं हुई खारिज़

जनवकालत न्यूज़ / दिल्ली | दिल्ली हाईकोर्ट ने अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली सभी 23 याचिकाओं को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि उसे इस योजना में दखल देने की कोई वजह नजर नहीं आती।

योजना का उद्देश्य 
अग्निपथ योजना समय की जरूरत है। भारत के आसपास माहौल बदल रहा है। बदलते समय के साथ सेना में बदलाव जरूरी है। इसे एक नजरिए से देखने की जरूरत है। अग्निपथ अपने आप में एक स्टैंडअलोन योजना नहीं है। 2014 में जब पीएम मोदी सत्ता में आए, तो उनकी प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक भारत को सुरक्षित और मजबूत बनाना था। ये योजना उसी का एक हिस्सा है।

योजना से देश को क्या फायदा
देश को सुरक्षित करने के लिए तकनीक, हाईटेक हथियार, सिक्योर डिफेंस कम्युनिकेशन के क्षेत्र में काफी काम हुआ है। हमने नई-नई तकनीक का प्रयोग शुरू किया है। यहां तक की हमने स्पेस पॉवर में भी बड़ी सफलता हासिल की है। इसको ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा युवाओं की जरूरत पड़ेगी जो तकनीक के मामले में दक्ष होते हैं। अग्निपथ योजना इसी का एक हिस्सा है। इससे हमें बड़ी संख्या में टेक फ्रेंडली युवा मिलेंगे।

अग्निवीर के भविष्य का क्या होगा 
2022-23 वर्ष का युवक चार वर्ष अग्निवीर के रूप में गुजारकर जॉब मार्कट में आया है। उसकी तुलना उस युवक से कीजिए जो अग्निवीर नहीं बना। जो अग्निवीर अपने प्रतिस्पर्धी के मुकाबले हर मोर्चे पर आगे रहेगा। इसलिए उसके पास कोई रास्ता बंद नहीं हुआ है। उसके पास करीब 11 लाख रुपये भी हैं। अगर वह चाहे तो पढ़ाई कर सकता है, कोई बिजनेस कर सकता है। पहले का जमाना अलग था। उस वक्त सैनिक रिटायर होने के बाद अपने गांव चला जाता था और वहां अपनी जमीन से अन्न उपजाता था और पेंशन से बाकी खर्चे निकल जाते थे। आज वो हालात नहीं रह गए हैं।

अग्निवीर को यह मिलेगा फायदा 
सेना में चार साल बिताने के बाद अग्निवीर जब वापस जाएगा तो वह स्किल्ड और ट्रेन्ड होगा। वह समाज में सामान्य नागरिक की तुलना में कहीं ज्यादा योगदान कर पाएगा। पहला अग्निवीर जब रिटायर होगा तो 25 साल का होगा। उस वक्त भारत की इकनॉमी 5 ट्रिलियन डॉलर की होगी। तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को ऐसे लोग चाहिए होंगे। सेंट्रल आर्म्ड फोर्सेज, राज्य पुलिस समेत अन्य कई भर्तियों में ऐसे ट्रेंड युवाओं की जरूरत होगी। सभी विभागों ने पहले ही अग्निवीरों को नौकरी में वरीयता देने का एलान कर दिया है।

यह रहेगा नुकसान 

अग्नीपथ योजना से होने वाले नुकसान में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जिन्हें सरकार ट्रेन कर रही है उन्होंने 4 साल बाद यदि किसी परिस्थिति के चलते गलत रास्ता चुन लिया तो वह आर्मी से ट्रेन हुए एक ट्रेंड सैनिक है जिसे सभी तरह के टेक्निकल और आर्म्ड फोर्सेज की जानकारी रहेगी और वह लूप होल से भी भालीभाति परिचित हो जाएंगे, जिसके चलते वह देश हित की जगह देश का अहित भी कर सकते है। इसके लिए सरकार के पास इस परिस्थिति से दो-चार होने के लिए क्या इंतजाम रहेंगे यह भी इस योजना का चिंतनीय विषय है। जिस पर अभी तक किसी का भी ध्यान आकृष्ट नही हुआ है। इस और सरकार को ध्यान देने की आवश्यकता है।

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