नगेन्द्र सिंह झाला
बीजेपी ने मध्यप्रदेश में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को चुनाव प्रभारी नियुक्त किया और ताबड़तोड़ पिछले अनुभव को फिर मध्यप्रदेश में आजमाते हुए पेट्रोल डीजल से 2.50 रुपए से 5 रुपए तक दाम में कुछ दिनों के लिए कटौती की है | भाजपा चुनाव के दौरान देश के राज्यों में आमजन का हितेषी बनाने के लिए यह खेल खेलती आई है, कर्नाटक राज्य इसका प्रमाण है| मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार का पेट्रोल पर 28 प्रतिशत वेट बरकरार है, और 1% सेस भी लागू है| प्रदेश की शिव मामा सरकार आम लोगों से जो 4 रुपए पेट्रोल पर अतिरिक्त ले रही है, उसमें से ढाई रुपए चुनाव तक कम किए हैं| ताकि कार्यकर्ताओं को चुनावी प्रचार में पेट्रोल डीजल पर थोड़ा कम पैसा देना पड़े| फिर भी भाजपा सरकार के पास 1.50 रुपए बच रहा है| जो पेट्रोल 50 से 55 रुपए प्रति लीटर देश में बिकना चाहिए, उस पर भाजपा सरकार ने अनाप-शनाप एक्साइज ड्यूटी, वेट, सेसअतिरिक्त कर लगा कर 90 से 92 रुपए तक महंगा कर दिया है| आम जनता को गुमराह करने के लिए चुनावी हथकंडे अपनाते हुए जो प्रतिदिन 30 रुपए से अधिक प्रति लीटर पर कमाने वाली सरकार कभी कबार 5 पैसे, 9 पैसे कम करके वाहवाही लूटने में पीछे नहीं रहती है| स्मरण रहे देश में यदि कोई भिक्षुक किसी के दर पर भीख मांगता है तो, उसे भी देशवासी 1 रुपए से कम नहीं देता है| ऐसे में हम जनता के द्वारा मतदान से बनने वाली सरकार हमसे टैक्स के रूप में जो रूपया ले रही है, उस धन से राजनीति करने के लिए नित नई योजनाओं की घोषणा की जा रही है| पिछले 15 वर्षों की भाजपा सरकार में युवाओं को काम नहीं मिल रहा है, सिर्फ नारे की राजनीति में युवा वर्ग का दोहन हो रहा है| नेताजी विभिन्न धर्म जाति पंथ के लोगों से प्रजातंत्र की आड़ में अपना उल्लू सीधा करने में लगे हैं|

