Ratlam News : जनसुनवाई में फिर उठा मेडिकल कॉलेज का मुद्दा, मशीन उपकरण होने के बावजूद परेशान हो रहे मरीज, गेंद फिर डीन के पाले में…

जनवकालत न्यूज़/रतलाम | (एक्सक्लूसिव)

कलेक्टर श्री भास्कर लाक्षाकार द्वारा मंगलवार को कलेक्टोरेट कार्यालय में जनसुनवाई की गई। जनसुनवाई में 53 आवेदन प्राप्त हुए जिन्हें निराकरण के लिए संबंधित विभागों को भेजा गया है।

इस दौरान अभी लगातार चर्चा में चल रहे रतलाम मेडिकल कॉलेज की फिर एक और कमी को उजागर करते हुए बादल पंड्या ने आवेदन दिया कि मेडिकल कालेज को ब्लड कम्पोनेंट एसडीपी मशीन, उपकरण और लायसेंस पूर्व में प्राप्त हो चुके हैं परन्तु इन मशीनों का संचालन नहीं किए जाने से मरीज परेशान हो रहे हैं और उन्हें 5 किलोमीटर दूर जाना पडता है। मेडिकल कालेज में जल्द ही ब्लड बैंक चालू किया जाए जिससे मरीजों को होने वाली परेशानी दूर हो सके। आवेदन निराकरण के लिए डीन मेडिकल कालेज को प्रेषित किया गया है।

सवाल यह उठता है… मरीज़ कब तक होते रहेंगे परेशान… ? 

कलेक्टर द्वारा फिर से मामले को कॉलेज डीन के पाले में डाल दिया गया है जबकि विगत दिनों हुए थप्पड़ कांड में डीन को वही के डॉक्टर ने पीट दिया था और उन पर शराबी होने के आरोप भी लगे थे और मामला एफ़आईआर तक पंहुचा था और पूरे प्रदेश में सुर्खिया बटोरी थी । जिसके निराकरण के लिए संभागायुक्त तक को रतलाम आकर समझाईश देनी पड़ी थीं और सूत्रों के अनुसार मिली जानकारी के अनुसार अभी भी इस मामले का पूर्णतया निपटारा नहीं हो पाया है बावजूद इसके कलेक्टर द्वारा इस कमी के निराकरण हेतु भी उन्ही डीन साहब के पाले में गेंद डाल दी गई है यह विचारणीय है…? आखिर मरीज़ कब तक होते रहेंगे परेशान इसका कोई स्थायी जवाब आमजनता को नहीं मिल पा रहा है।

जनसुनवाई के दौरान हरिजन कालोनी इंदौर निवासी रेनू डुमाने ने आवेदन देते हुए बताया कि प्रार्थिया द्वारा वर्ष 2015 में अपने चाचा शंकरलाल निवासी काटजूनगर से एलआईसी करवाई थी परन्तु चाचा की मृत्यु के उपरांत प्रार्थिया अपनी एलआईसी की पालिसी तुडवाना चाहती है किन्तु पालिसी में प्रार्थिया का घर का नाम रानी लिख दिए जाने से पालिसी टुटने में परेशानी आ रही है तथा एल.आईसी. कम्पनी पालिसी की राशि नहीं दे पा रही है। पालिसी की राशि दिलवाई जाए। आवेदन निराकरण के लिए संबंधित विभाग को प्रेषित किया गया है।

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अर्जुन नगर निवासी आरिफ अहमद ने आवेदन देते हुए बताया कि प्रार्थी आटो चालक है किन्तु आटो रिक्शा खराब होने के कारण प्रार्थी अपने परिवार का भरण पोषण नहीं कर पा रहा है। आटो मरम्मत हेतु 20 हजार रुपए का खर्च आना है। अतः शासन की किसी भी योजना के माध्यम से प्रार्थी को उक्त राशि की मदद की जाए ताकि प्रार्थी अपना आटो ठीक करवाकर परिवार का भरण पोषण कर सके। आवेदन निराकरण के लिए संबंधित विभाग को भेजा गया है। विकासखण्ड रावटी के ग्राम घुघरु निवासी भीलजी भाभर ने जनसुनवाई के दौरान बताया कि प्रार्थी द्वारा एक प्लाट का सौदा 4 लाख 90 हजार रुपए में एक प्लाट का सौदा माया पति राकेश से किया था परन्तु एक वर्ष बीत जाने के बाद भी राकेश द्वारा उक्त प्लाट की रजिस्ट्री नहीं करवाई जा रही है तथा रजिस्ट्री करवाने के लिए आनाकानी की जा रही है। कृपया रजिस्ट्री करवाने में मदद की जाए। आवेदन निराकरण के लिए एसडीएम सैलाना को भेजा गया है।

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फोटो सोशल मीडिया

 

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