शिक्षा के साथ संस्कार भी…खुशियों का प्रकाशः गुरु रामदास स्कूल ने ‘अपना घर आश्रम’ में बिखेरी दीवाली की रौनक…

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रतलाम/जनवकालत न्यूज। दीवाली पर्व सिर्फ अपने घर को सजाने का नहीं, बल्कि दूसरों के जीवन में भी खुशियों का प्रकाश फैलाने का अवसर होता है। इसी भावना को साकार करते हुए “गुरु रामदास पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल” ने एक अनुकरणीय पहल की। विद्यालय के शिक्षकों और विद्यार्थियों ने मिलकर “अपना घर आश्रम” में एक अनूठे दीपोत्सव का आयोजन किया, जहाँ मानवता की सेवा और सामाजिक सरोकार का सुंदर संगम देखने को मिला।

शिक्षा के साथ संस्कार की पहल-

विद्यालय प्रबंधन ने स्पष्ट किया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य केवल त्योहार मनाना नहीं, बल्कि छात्रों में सहानुभूति, समाज सेवा और खुशियाँ बाँटने जैसे मूल्यों को पोषित करना है। आश्रम के बच्चों और वरिष्ठ निवासियों के साथ समय बिताकर, विद्यार्थियों ने न केवल उन्हें खुशियां दी, बल्कि स्वयं भी जीवन का एक महत्वपूर्ण पाठ सीखा। दीपों की रौशनी में साझा खुशियाँ त्योहार को विशेष बनाने के लिए विद्यार्थियों ने हर संभव प्रयास किया।

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स्नेह भोज का किया आयोजन –

आश्रमवासियों और बच्चों के लिए स्वादिष्ट भोजन की व्यवस्था की गई। साथ ही, सभी को मिठाई वितरित की गई, जिसने दीपोत्सव पर्व की मिठास को और बढ़ा दिया।

नए उत्साह और उमंग का हुआ संचार-

बच्चों ने एक साथ दीये प्रज्वलित किए और सुरक्षित तरीके से पटाखे जलाकर उल्लास साझा किया। चारों ओर दीपों की रौशनी ने एक जादुई और खुशनुमा माहौल बना दिया।

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रंगोली बनकर किया कला का स्पर्श-

विद्यालय की छात्राओं ने परिसर में सुंदर रंगोलियाँ बनाकर भारतीय संस्कृति और दीवाली के पारंपरिक स्वरूप को जीवंत कर दिया।

वरिष्ठों ने दिया मार्गदर्शन-

इस मानवीय पहल को सफल बनाने के लिए विद्यालय प्राचार्य श्रीमती सुनीता राठौर और प्रधानाध्यापिका पूनम गांधी ने शिक्षकों और छात्रों का उत्साहवर्धन किया। उनकी उपस्थिति ने यह सुनिश्चित किया कि मानवता की सेवा का यह कार्य पूरी संवेदनशीलता और समर्पण के साथ संपन्न हो।
यह आयोजन इस तथ्य को प्रमाणित करता है कि असली दीवाली वहाँ होती है जहाँ जरूरतमंदों के चेहरों पर मुस्कान आती है। गुरु रामदास पब्लिक स्कूल का यह कार्य समाज के लिए एक रोल मॉडल है, जो दिखाता है कि शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ ज्ञान नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार और संवेदनशील नागरिक बनाना भी है।

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