रतलाम चातुर्मास: कमाई के लिए सीजन जरूरी है, पढ़ाई के लिए डिवीजन जरूरी है और जीवन के उत्थान के लिए अनुष्ठान जरूरी है : डॉ संयमलता म. सा.

आराधनामय चातुर्मास के अंतर्गत भगवान पार्श्वनाथ का 1008 सजोड़े का अनुष्ठान संपन्न

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रतलाम/जनवकालत न्यूज। भारत को विश्व गुरु का दर्जा दिया गया है क्योकि यहां ऐसी अनेक महान आत्मा अवतरित हुई है उनमे से अहमदनगर के चिचोड़ी मे जन्मे पिता देवीचंद जी और वीरमाता हुलसा बाई की कोख से जन्मे नेमचंद जी जो गुरु पूज्य रत्न ऋषि जी म सा के सानिध्य मे आने के बाद महान संत आनंद ऋषि जी बने जिनका नाम आज पूरे महाराष्ट के साथ साथ पूरे देश मे जाना जाता है, जो हमारे श्रमण संघ के द्वितीय पट्टधर आचार्य सम्राट बने, और पूरे समाज को देदीप्त्यमान किया। उन्होंने बहुत ही समय में संयम जा मार्ग अंगीकार किया। वैराग्य के मार्ग पर चल कर पूज्य आनंद ऋषि जी ने आगम के साथ गीता, पुराण, हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, संस्कृत का अध्ययन कर ज्ञान अर्जित किया, और आज आंनद बाबा के नाम से पूरे देश मे विख्यात हुए। उक्त विचार श्री वर्धमान स्थानक वासी जैन श्रावक संघ नीमचौक स्थानक द्वारा आयोजित 1008 सजोड़े अनुष्ठान के अवसर पर आयोजित धर्मसभा मोहन टाकीज मे दक्षिण चन्द्रिका महासती डॉ संयमलता जी म सा ने व्यक्त किये।

पूज्य महासतिया जी ने फरमाया की कमाई के लिए सीजन जरूरी है, पढ़ाई के लिए डिवीजन जरूरी है ओर जीवन के उत्थान के लिए अनुष्ठान जरूरी है। आज अनुष्ठान के साथ साथ आज दो दो महान आत्मा की जन्म जयंती है। आचार्य आनंद ऋषि के साथ साथ पूज्य गुरुदेव उपाध्याय केवलमुनी जी म सा की भी आज जन्म जयंती है। उपाध्याय केवलमुनी जी म. सा. का जन्म राजस्थान के कोशीथल मे पिता जवाहरलाल और वीरमाता कंकुबाई कोठारी के घर मे हुआ, जो जगत वल्लभ जैन दिवाकर गुरुदेव चौथमल जी म सा के शिष्य बने। जैसे गुरु वैसे ही चेले बने उपाध्याय केवलमुनी जी ने भी बचपन से ही गुरु के प्रति समर्पित रहे ओर उन्होंने 80 किताबों, ग्रंथो ओर 800 गीतों की रचना की। आज इनके नाम से बेंगलोर मे जैन यूनिवर्सिटी चल रही है। धर्मसभा के पूर्व महासती डॉ संयमलता जी, डॉ अमितप्रज्ञा जी, डॉ कमल प्रज्ञा जी, साध्वी सौरभ प्रज्ञा जी के दिशा निर्देशन मे 23 वे तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ के श्री पार्श्वनाथ स्त्रोत मंत्र का जाप किया गया।

श्रीसंघ के मीडिया प्रभारी निलेश बाफना ने बताया कि अनुष्ठान के शुभारम्भ से पहले इस कार्यक्रम के मुख्य लाभार्थी पन्नालाल भरतकुमार, रौनक, दिव्यांश, अक्षय जी कोठारी बेंगलोर वाले परिवार द्वारा अनुष्ठान के कलश की स्थापना की गई। उनके साथ श्रीसंघ अध्यक्ष अजय खमेसरा, महामंत्री विनोद कटारिया, कोषाध्यक्ष अमृत कटारिया, इन्दरमल जैन, महेन्द्र बोथरा, महेन्द्र चाणोदिया, मनीलाल कटारिया, सुरेश कटारिया, ललित पटवा, विनोद बाफना, जयंतिलाल डाँगी, आशीष कटारिया, राजकुमारी पोखरना, रीना गांधी, लक्ष्य कटारिया, सुहानी पटवा एवं बाहर से आये अतिथियों ने भी अनुष्टान के कलश की स्थापना की उसके बाद अनुष्ठान के मंत्रो का जाप शुरु हुआ। कार्यक्रम मे नवयुवक मंडल ने मनमोहक गुरु चरणो मे गीतों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम को महेद्र बोथरा, अजय खीमेसरा, राकेश जावरा ने सम्बोधित किया। कार्यक्रम के पश्चात स्वाधर्मिक वात्सल्य का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन विनोद बाफना ने एवं आभार विनोद कटारिया ने माना।

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