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प्रकाश तंवर विगत दिवस चुनाव सुधार के संदर्भ में देश की राजनीतिक पार्टियों के प्रमुखों के साथ मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत की अहम बैठक हुई। चुनाव आयुक्त ने कहा कि मत पत्र के माध्यम से चुनाव होते हैं तो बूथ कैप्चरिंग जैसी समस्याएं पुनः जन्म लेने लगेगी। वही देश की लगभग 17 राजनीतिक दल

राजेश झाला ए. रज़्ज़ाक प्रदेश और देश के सत्ताधीश आगामी चुनाव में पुनः सत्ता हथियाने के लिए नित-नई योजना और घोषणाएं कर सरकारी खजाना खाली करने में लगे है। देशवासियों के परिवार में डीजल-पेट्रोल वाहन है। किसी के पास दो पहिया तो किसी के पास तीन या चार पहिया वाहन है। इंसान को आवागमन के

नगेन्द्र सिंह झाला कांग्रेस जब सत्ता में थी तब भी पूर्व पी.एम स्व. राजीव गांधी ने राजनीति से ऊपर उठकर अन्य वर्तमान में देश की केन्द्रीय मंत्री उमा भारती भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के स्वस्थचित्त के लिए कामना कर रही है। यह है भारतीय संस्कृति जहां वैचारिक ‘मतभेद’ जरूर होते है, लेकिन‘मनभेद’ नहीं होते

राजेश झाला ए. रज़्ज़ाक सरहद पर मातृभूमि के लाल राष्ट्र की रक्षा के लिए तैनात हैं, देश के अंदर तमाम सुरक्षा एजेंसियां देश वासियों की रक्षा कर रही है। प्रकृति भी भारतवर्ष की रक्षा कर रही हैं। पर्वत, पेड़, जल, जड़ चेतन हम प्राणी मात्र के जीवन के रक्षक है। सनातन धर्म में रक्षा सूत्र

राजेश झाला ए. रज़्ज़ाक प्रजातंत्र की राजनैतिक पार्टियों का दायरा अब असीमित होने लगा है। राष्ट्रीय दल, क्षैत्रिय दल, अब जाति-धर्म का घालमेल कर स्वस्थ लोकतंत्र को कमजोर करने में भी गुरेज नहीं कर रहे है। राजनैतिक दल अपने विभिन्न प्रकोष्ठों के साथ-साथ प्रत्यक्ष परोक्ष रूप से अपनी-अपनी पार्टी में वर्गवाद को हवा दे रहे

रतलाम। राजेश झाला ए. रज़्ज़ाक  पहले मानव आदम से ही मनुष्य मांसाहार करता आ रहा है। समय के साथ मानव ने अपने भोजन में शाकाहार का प्रयोग किया और विभिन्न तरह के व्यंजन बनाकर पेट भरा लेकिन मांसाहार आज भी अधिकतर धर्मों के अनुयायिओं में प्रचलित और जरूरी हिस्सा है। हमारे देश की संस्कृति में पशुबलि

ए ऱजाक आजाद देश में अंधविश्वास, आडम्बर के विरूद्ध देशवासियों को अपनी लेखनी से चेताने वाले डॉ. नरेन्द्र दाभोलकर की कलम को 20 अगस्त 2013 को गोली मारकर खामोश कर दिया गया। अतिवादियों की आंखों की किरकिरी बने, डॉ. दाभोलकर को, चरमपंथियों के इशारों पर, काल का ग्रास बनना पड़ा। वैसे तो ‘सच’ को उजागर

राजेश झाला ए. रज़्ज़ाक प्रजातंत्र में वैसे तो कई दिग्गज अपने भाषणों में देश का सिपाही, प्रहरी, चौकीदार रूपी शब्दों से अपने आप को अलंकृत करते हैं, लेकिन उपरोक्त पदवी के वास्तविक हकदार कौन हैं? देश की जनता जानती है। अटल की वाणी को जिस में टाला वो राजनीति की गड्डी में पिसा गए। सन

राजेश झाला ए. रज़्ज़ाक राष्ट्र के गौरव पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई के विचारों को आत्मसात करने की देशवासियों से ही देश के कर्णधारों को आवश्यकता है जिसमें अलग अलग विचारधारा रखने वाली राजनीतिक दलों को एक जाजम पर बैठाने का श्रेय श्री अटल जी को है पूर्व पीएम वाजपेई जी ने देश की

जयपुर/रतलाम। अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने विशाल जनसभा को सम्बोधित करते हुए जहां आम जनता की रग पर हाथ धरा, वही पार्टी में भीतरघात करने वाले, और पेराशूट से पार्टी प्रत्याशी बनने वालों के इरादों पर पानी फेर दिया है। गांधी ने साफ लब्जों में कहा हैं कि विधानसभा में उसी