जनवकालत न्यूज़ /रतलाम । नगर निगम के ठेकेदारो की शिकायत पर इंजीनियर के निलंबन से यह सिद्ध हो गया है की 50% कमीशन की शिवराज सरकार है । क्या नगर विधायक चैतन्य काश्यप नगर निगम मे भ्रष्टाचार की जांच करायेंगे…? यह प्रश्न कांग्रेस के प्रदेश महासचिव और पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने जारी विज्ञप्ति मे उठाया।
सकलेचा ने कहा कि नगर निगम में कार्य करने वाले 17 से अधिक ठेकेदारों ने हस्ताक्षर युक्त पत्र लिखकर यह बताया है कि उनसे जरूरत से ज्यादा कमीशन मांगा जा रहा है, और उनकी शिकायत के बाद एक इंजीनियर को निलंबित करने से यह सिद्ध होता है कि ठेकेदारों की शिकायत सही है तथा नगर निगम सहित शिवराज सरकार में 50% से ज्यादा कमीशन की लूट चल रही है ।


सकलेचा ने कहा कि नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि उनकी ऊपर तक सेटिंग है । इससे साफ जाहिर होता है की 50% कमीशन में सत्ता की भागीदारी है । उन्होंने कहा कि अगर नगर विधायक चैतन्य काश्यप नगर निगम के भ्रष्टाचार की जांच नहीं करवायेंगे तो ऐसा माना जाएगा कि नगर निगम के कमीशन में विधायक की भागीदारी है ।
सकलेचा ने कहा कि नगर निगम के पूरे कुएं में भ्रष्टाचार की भान्ग मिली हुई है और 50% से ज्यादा कमीशन के कारण कार्य की गुणवत्ता खराब हुई है । सीवरेज योजना मे 200 करोड का भ्रष्टाचार और उस पर विधायक चैतन्य काश्यप का मौन इसका जीता जागता उदाहरण है ।