रतलाम। प्रकाश तंवर
देश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप की वजह से कई राज्यों में लॉकडाउन की नौबत आ गई है। अब तक आपने हड़ताल के बारे में सुना है, कर्फ्यू के बारे में सुना है। मगर मन में यह सवाल उठता है कि आखिर यह लॉकडाउन क्या है? लॉकडाउन शब्द का इस्तेमाल पश्चिमी देश कई बार आपात स्थिति में ऐसा कर चुके हैं। हम आपको बता रहे हैं कि आखिर ये लॉकडाउन होता क्या है? लॉकडाउन के दौरान शहर की कौन-कौन सी सर्विसेज खुली रहेंगी? किन सेवाओं को बंद रखा जाएगा? लोगों के लिए क्या गाइडलाइंन होंगी? आइए जाने लॉकडाउन से संबंधित सबकुछ-
लॉकडाउन एक आपातकालीन व्यवस्था होती है। इस दौरान किसी को भी अपने घर से निकलने की अनुमति नहीं होती है। लोगों को सिर्फ आवश्यक चीजों के लिए ही बाहर निकलने की अनुमति होती है। लोग दवाईयां, राशन, दूध, अस्पताल या बैंक जैसी जरूरी कामों के लिए ही घरों से बाहर निकल सकते हैं। लोगों को अनावश्यक घूमने या बाहर निकलने की इजाजत नहीं होती है। लॉकडाउन के दौरान जो जहां, जिस शहर में है उसे वहीं रहना होगा। लॉकडाउन के दौरान लोग जहां पर हैं, उन्हें वहीं रहना होगा। भारत में लोगों को घरों में रखने के लिए कर्फ्यू या धारा 144 जैसे कानून का सहारा लेते रहे हैं। मगर लॉकडाउन का इस्तेमाल भारत में पहली बार हो रहा है। इसका सीधा सा मतलब है कि जरूरी सेवाओं को छोड़कर सब कुछ बंद रहेगा। सेवा को अनुमति नहीं होगी। इसमें निजी बसें, टैक्सी, ऑटो रिक्शा, रिक्शा, ई-रिक्शा सब बंद रहेंगे।


सभी दुकानें, बाजार, व्यापारिक प्रतिष्ठान, फैक्ट्री, वर्कशॉप, ऑफिस, गोदाम, साप्ताहिक बाजार ये सब बंद रहेंगे।
सार्वजनिक स्थल पर कोई इकट्ठा नहीं हो सकता है।
लॉकडाउन वाले शहर में सभी को पूरा समय अपने घर में ही रहने की सलाह दी जाती है।
कौन सी जरूरी सेवाएं जारी रहेंगी-
दूध की दुकानें खुली रहेंगी, लेकिन एक साथ भीड़ ना इकट्ठी हो ।
राशन की दुकानें खुली रहेंगी लेकिन अपील यही होती है कि भीड़ इकट्ठी न हो और जिसके घर में राशन मौजूद है वो बेवजह राशन की दुकान पर ना जाए. कुछ मामलों में राशन सरकार सीधे घर तक पहुंचाती है ताकि संक्रमण से बचा जा सके।
सब्ज़ी और फल की सप्लाई जारी रहेगी।
पेट्रोल पंप खुले रहते हैं लेकिन कुछ स्थानों की चिन्हित कर स्थानीय प्रशासन बंद भी करा सकता है जहां ज़्यादा भीड़ की संभावना होगी।
दूध और डेयरी प्लांट खुले रहते हैं।
निजी और सरकारी अस्पताल 24 घंटे खुले रहते हैं।
मेडिकल स्टोर 24 घंटे खुले रह सकते हैं।
मेडिकल और स्वास्थ्य संबंधी उपकरण व दवाईयां बनाने वाली कंपनियां खुली रहती हैं।
संचार सेवाएं सुचारू रूप से चलती हैं।
टेलीकॉम कंपनियां अपनी जरूरी सुविधाएं खुली रख सकती हैं।