निठ्ठले कर्मचारी कमलनाथ के पढ़ रहे कसीदे, शासन एवं सरकार में समन्वय की है कमी

रतलाम/ प्रकाश तंवर
मध्य प्रदेश कांग्रेस विचारक मंच की संगोष्ठी जवाहर नगर में संपन्न हुई। मंच के सर्वेसर्वा मतदाताओं से संपर्क कर रहे हैं, तथा प्रदेश की कमलनाथ सरकार द्वारा 1 वर्ष में किए गए कार्यों पर चर्चा कर रहे हैं। आमजनों ने सत्ताधारी एवं उनके उच्च पदस्थ पदाधिकारियों तथा जिला प्रशासन के रवैए पर बेबाक टिप्पणी करते हुए बताया, कि जिस प्रकार पूर्व में दिग्विजय सिंह सरकार ने कर्मचारियों को प्रताड़ित किया था, उसी हिसाब से कमलनाथ सरकार भी छोटे मझोले शासकीय अशासकीय सहित शासन के अधीनस्थ कर्मियों पर अत्यधिक काम का बोझ डाल रही है। राजनीतिक चाटुकारिता करने वालों का काम भी कर्मठ निष्ठावान कर्मचारियों को संपादित करना पड़ रहा है। उदाहरण के लिए रतलाम जिला प्रशासन ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, (बीएलओ) की ड्यूटी भी राशन मित्र एप के अंतर्गत बीपीएल राशन कार्ड धारकों के सत्यापन कार्य में लगा दी। एसडीएम के कड़े निर्देशों का पालन करने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को स्वयं का क्षेत्र छोड़कर लगभग 5 से 7 किलोमीटर दूरी के क्षेत्र में घर-घर जाकर राशन कार्ड ऑनलाइन एवं ऑफलाइन फॉर्म भरना पड़ रहा है। वही निर्वाचन कार्यालय की गाज भी इन्हीं छोटे कर्मियों पर पड़ रही है। जिला कलेक्टर कार्यालय के फरमान से कमलनाथ सरकार की किरकिरी हो रही है। सुशासन की डिंगे हांकना अलग बात है, और मैदान में मुस्तैदी से काम करना अलग बात है। छोटे कर्मियों के साथ सौतेला व्यवहार का परिणाम कांग्रेस सरकार को आगामी स्थानीय निकाय चुनाव में देखने को मिल सकता है। जिले के जिम्मेदार कांग्रेसियों का प्रशासन स्तर पर समन्वय नहीं होने से अन्य विभाग के कर्मियों की कठिनाइयों को भी प्रशासन के आला अफसर अनदेखी कर रहे हैं। महिला बाल विकास में कई ऐसे कर्मी भी है, जिन्हें शासन की किसी भी योजना से दूर रखा जाता है, तथा रसूख के दम पर खुल्ले हैं। वहीं ईमानदार कार्यकर्ताओं को बीएलओ, एम राशन मित्र एप सहित स्वयं की आंगनवाड़ी से संबंधित कार्यों को भी संपादित करना पड़ रहा है। इस प्रकार छोटा कर्मचारी एक ही समय में तीन तरह की नौकरी का पालन करने को मजबूर है, वहीं कई निठ्ठले कर्मचारी कमलनाथ सरकार के कसीदे बुनने में लगे हैं।

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