अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर कार्यक्रम आयोजित हुआ
रतलाम।
महिला अपने आप में एक बड़ी ताकत है। जरूरत उसको अपनी ताकत को पहचानने की है। बच्चे मां के सबसे ज्यादा नजदीक होते हैं इसलिए संस्कारित बच्चों के निर्माण में मां का सबसे बड़ा रोल होता है। यह बात कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर रतलाम में आयोजित एक कार्यक्रम में कही। इस कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिक डॉ. बरखा शर्मा, डॉ. लीला जोशी, महिला बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक उज्जैन श्री एनएस तोमर, जिला प्रभारी एवं संयुक्त कलेक्टर श्रीमती लक्ष्मी गामड़, सहायक संचालक महिला बाल विकास सुश्री अंकिता पंड्या तथा विभागीय महिलाएं उपस्थिति थी।


कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने कहा कि महिला शिक्षा सबसे अनिवार्य है। उन्होंने एक चीनी कहावत का उदाहरण देते हुए कहा कि यदि आपको अपनी पूरी जिंदगी की अच्छे से प्लानिंग करना है तो अपने घर की लड़कियों को अनिवार्य रूप से शिक्षा दिलवाये। कलेक्टर ने इस बात पर जोर दिया कि घरों में बेटे बेटियों के बीच किसी प्रकार से भेदभाव नहीं किया जाए। अपने बच्चों को संस्कारवान बनाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि माता का बड़ा अहम योगदान रहता है क्योंकि घर में बच्चे अपनी मां के सबसे ज्यादा नजदीक होते हैं। माताओं को चाहिए कि वह अपनी बेटियों के साथ-साथ अपने बेटों को भी अच्छे संस्कार दें ताकि समाज में उनकी छवि बेहतर से बेहतर बने।
इस अवसर पर कलेक्टर श्रीमती चौहान ने 8 से 22 मार्च तक चलने वाले पोषण पखवाड़े का शुभारंभ करते हुए उपस्थितजनों को कुपोषण के विरुद्ध शपथ दिलवाई। साथ ही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की भी शपथ दिलवाई। लोकसभा चुनाव को देखते हुए अधिकाधिक मतदान की शपथ भी दिलाई। इसके पूर्व 8 मार्च की सुबह अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में महिला बाल विकास विभाग द्वारा एक रैली तथा मानव श्रृंखला निर्माण आयोजन भी किया गया।