राजेश झाला ए.रज़्ज़ाक|
साबरमती के संत राष्ट्रपिता के गुजरात में इन दिनों क्षेत्रीयता पर सियासत गरमा गई है | विगत दिवस गुजरात प्रांत के बाहर के गैरगुजराती रविंद्र साहू नामक युवक ने दरिंदगी की सारी हदें पार करते हुए एक14 माह की बच्ची के साथ बलात्कार किया| संपूर्ण मानव जाति उक्त घटना की निंदा करते हुए, अपराधी को विधि सम्मत दंड दिए जाने की पैरवी कर रही है| किंतु कुछ समाजकंटक जाति एवं क्षेत्र की सियासतबाजी में उलझ कर निर्दोषों को टारगेट बना रहे हैं| ठाकोर, पटेल, रबारी, यादव समाज के कुछ कट्टरपंथी गैरगुजरातियों जिसमें यूपी, बिहार सहित अन्य भजन को गुजरात से बेदखल करने पर आमादा हो गए हैं| जिससे लोकतंत्र की मर्यादा तार-तार हो रही है| जबकि देशवासियों को पता है कि हमारी न्यायपालिका स्वतंत्र रूप से न्याय करती है, और अपराधी को शत-प्रतिशत अपराध की सजा तो निश्चित रूप से मिलेगी | फिर वह कौन तत्व है? जो देश प्रदेश में शांति अमन नहीं चाहते हैं| सजा सदैव अपराधी को मिलनी चाहिए ! किंतु कुछ सिरफिरे की वजह से देश में बेगुनाहों पर अत्याचार करने की घिनौनी राजनीति की जा रही है| ऐसे में समस्त भारत वासियों एवं क्षेत्र प्रदेश एवं देश के जिम्मेदारों को तत्काल मानवीय नैतिक मूल्यों को ध्यान में रखते हुए, कुंदन क्यों एवं इनके कर्ताधर्ताओं से शीघ्र चर्चाकर गुजरात में शांति-अमन बहाल कराने के लिए तत्काल रूप से सक्रिय भूमिका निभाने की आवश्यकता है| स्मरण रहे अगले माह पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव है, ऐसे में हल्की-औछी राजनीति करना मानवता पर कलंक है |

