राजेश झाला ए. रज़्ज़ाक
देश आर्थिक संकट में फंस रहा है| जिम्मेदार स्थाई हल खोजने में विफल है| जब गुजरात में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी थे, तब देश का रुपया टूटा तो मोदी जी ने कहा था कि, जब देश की इकोनॉमी गिरती है, तो सरकार का पतन होना निश्चित है| चूँकि अब देश के प्रधानमंत्री स्वयं नरेंद्र मोदी है, और देश का रुपया, डॉलर के मुकाबले वर्तमान में इतिहास के सबसे निचले स्तर पर है| ऐसे में राष्ट्र की अर्थव्यवस्था डगमगाने लगी है| महंगाई का ग्राफ उछल गया है, पेट्रोल पर मोदी सरकार देश वासियों से 19.48 रुपए प्रति लीटर तथा डीजल पर 15.33 प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी वसूल रही है| वहीं भाजपा की मध्यप्रदेश सरकार भी प्रति लीटर पेट्रोल डीजल पर वैट और सेस लगाकर आम जन की जेब खाली कर रही है| सत्ताधारी चुनावी वादों में बड़ी-बड़ी देंगे हाथ रहे हैं| किंतु धरातल पर आमजनों की स्थिति वर्तमान में दयनीय है| भाजपाई नेताओं ने यूपीए के समय दो नंबर की काली कमाई का काला धन स्विजरलैंड की स्विस बैंक से निकाल कर आम भारतवासियों के बैंक खातों में डालने की बात की थी, लेकिन हो उल्टा गया| देश का एक नंबर का पैसा भारत की बैंक से दूसरा मोदी विदेश ले उड़ा| देशवासी ठगे-ठगे से अच्छे दिन की आस में शिव मामा और मोदी के द्वारा दिखाए जाने वाले सपनों पर अब स्वविवेक से निर्णय लेंगे|

