रतलाम | प्रकाश तंवर की रिपोर्ट
मध्यप्रदेश सरकार की वैध शराब (दारू) बेचने वाले के ही अधिकांश गुर्गे अवैध शराब (वाईन) के धंधों में लिप्त है। रतलाम जिले के नवागत पुलिस कप्तान पूर्ण इच्छा शक्ति से अवैध कारोबारियों के विरूद्ध शंखनाद फूकेंगे , ऐसी उम्मीद जिले भर के लोगों को है। क्योंकि ‘सिंघम’ के नाम से जिले में ख्याती प्राप्त एस.पी. श्री गौरव तिवारी की कार्यशैली से जहां आमजन खुश है। वही तिकडमबाजों के ‘पर’ (पंख) उखड़ने की कवायद जोरो पर है। हालांकि चुनावी वर्ष होने से शासन एवं सरकार के समक्ष कई चुनौतियां है। जिसे जिम्मेदारों को सूझबूझ एवं धैर्य के साथ संवैदनशील समस्याओं का निपटान करना है। देश के वर्तमान हालात पर नजर दौड़ाए तो भारतीय समाज में विघटनकारी तत्वों की संख्या बहुतायत में है। ऐसे में मूल्कवासियों को संवैधानिक नियम कानून कायदों से आमजन को अवगत करवाने की महती आवश्यकता है। ताकि तरूण एवं युवा वर्ग दिशाहीन न होने पाये। पिछले माह जून में मध्यप्रदेश सरकार ने ‘पुलिस एवं जनता’ में संवाद शिविर का आयोजन करवाया। जबकि राष्ट्रीय साप्ताहिक जनवकालत ने सन् 2014 से 2016 तक ‘पुलिस एवं जनता’ के मध्य सेतू बनाने के लिए दो वर्ष तक समाचार पत्र में विशेष लेख का प्रकाशन करते रहे, जिससे आमजन में पुलिस की धवल छवि उजागर हुई। क्योंकि समाज में ‘बिचोलियावाद’ के चलते नागरिकों में पुलिस की कर्मठता एवं र्इंसाफ परस्त नीतियों की अनदेखी हो रही थी। ऐसी स्थिति में पुलिस का खौफ अपराधियों में रहे, तथा आम नागरिकों के हृदय में पुलिस के सेवा भाव की नीति अंकित हो। ऐसा प्रयास मीडिया को भी करना चाहिये क्योंकि कई बार ऐसी विसंगतियां उत्पन्न हो जाती है, जिस कारण वर्दी के विरूद्ध समाजकण्टक आमजन को गुमराह करने लगते है। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए ‘पुलिस एवं जन संवाद’ से आमजन में सुरक्षाकर्मियों के प्रति श्रद्धाभाव जागृत होंगे। राजनैतिक दलों सहित कुछ विशेष रसूखदारों का दखल यदि पुलिस प्रशासन पर नहीं हो, तो निश्चित रूप से हमारा भारतीय समाज सशक्त सुदृढ़ एवं सुरक्षित हो जाये। रतलाम जिला पुलिस अधिक्षक श्री गौरव तिवारी जैसे पुलिस अफसरों की देश को बहुतायत में आवश्यकता है।

