प्रकाश तंवर
विगत दिवस चुनाव सुधार के संदर्भ में देश की राजनीतिक पार्टियों के प्रमुखों के साथ मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत की अहम बैठक हुई। चुनाव आयुक्त ने कहा कि मत पत्र के माध्यम से चुनाव होते हैं तो बूथ कैप्चरिंग जैसी समस्याएं पुनः जन्म लेने लगेगी। वही देश की लगभग 17 राजनीतिक दल ने सर्वदलीय बैठक में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन ईवीएम और वीवीपैट से मतदान के विरुद्ध अपना सशक्त पक्ष रखा। कई तकनीकी गड़बड़ियों के चलते निष्पक्ष मतदान मशीनों से नहीं होता है। यही कारण है कि अमेरिका जैसे विकसित देश ने भी ईवीएम पर अविश्वास की मोहर लगाई। अर्थात विदेश में ईवीएम को सिरे से खारिज कर दिया गया है। ऐसे में भारत जैसे राष्ट्र में ईवीएम से मतदान कराना ओचित्यहीन है, देश में एनडीए समर्थित भाजपा, बीजद ईवीएम की पैरवी कर रहे हैं। जबकि एआईएडीएमके का रुख मतदान कराने को लेकर तटस्थ हैं। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों पर देशवासियों को नाज हैं, बूथ कैप्चरिंग से निपटने के लिए कई सार्थक उपाय हो सकते है। देश में बहुत बड़ा तबका ग्रामीण अंचल का है, जो मतपत्र से मतदान करना ज्यादा सुविधाजनक समझता है।

