रतलाम।
विगत दिवस बाजना (सागोद) फोरलेन जो बनने जा रहा है इसकी भेंट चढ़ने जा रहे है करीब 600 हरे भरे पेड। विगत दिवस शहर महिला कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा जाकर पेड़ो की कटाई को रूकवाया गया था और कहा गया कि आप बिना अनुमति पेड़ो को नहीं काट सकते तो जिम्मेदार वहां से चले गये पर कल से पुनः पेड़ो को तेजी से काटा जा रहा था। आज पुनः महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती अदिति दवेसर, श्रीमती पार्वती पंवार, नीलम सभरवाल, कैलाश कामरेड (पंवार) तेज स्विता बडगोता और कुछ लोगों के साथ वहा जानकारी मिलने पर पहुंचे तो देखा कि बेहद बेदर्दी से पेड़ काटे जा रहे है। जब नगर निगम से पूछा गया कि इसकी अनुमति कब दी तो जानकारी मिली कि आज तक कोई अनुमति नहीं दी गई है। पी.डब्ल्यू.डी विभाग द्वारा भी यही कहा गया कि अभी अनुमति नही मिली है तब मैंने पूछा कि आप पेड़ वैâसे काट रहे है तो उन्होंने कहा कि अनुमति मिल ही जायेगी।
महिला कांग्रेस द्वारा अप्रैल माह से इनसे आर.टी.आई के माध्यम से पूछा जा रहा है। लेकिन कोई जवाब नहीं। हमें और जनता को गुमराह करने के लिए पेड़ो के स्थानांतरण की योजना लाये जो सही थी मगर तब जब सफल होती जब पूर्णतः कार्यान्वित होती। लेकिन इसके विपरीत जो पेड़ हटाये गए वो भी नहीं चले केवल 3 या 4 पेड़ो के अलावा। वृक्ष अधिनियम 2001 के तहत जो पेड़ो को हटाने या काटने की अनुमति चाहता है उसे स्वयं व्यय वहन करना होगा तथा एक पेड़ की जगह 05 पेड़ काटे जा रहे है। इसके विरूद्ध भी विधिक कार्यवाही की जावेगी। जब हमने डी.पी.आर मांगी तो देखा पूरी डी.पी.आर गलत तथ्यों पर आधारित है। रतलाम शहर के मास्टर प्लान में 19 मीटर की सड़क ही प्रस्तावित है तो करीब 59 फीट होती है तो अचानक 104 फीट में फोरलेन तब्दील वैâसे हुआ। पेड़ो के स्थान पर निरंक शब्द लिखा है और पर्यावरण पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा ये भी प्रोजेक्ट रिपोर्ट में है।
लोक निर्माण विभाग ने एक पत्र के जवाब में यह भी लिखित में दिया है कि पेड़ो के सम्बंध में नगर निगम द्वारा और वन विभाग द्वारा कोई भी दिशा-निर्देश नहीं है ना ही पौधारोपण की कोई योजना है। जबकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश है कि जब भी पेड़ काटे अथवा हटाये जाय उनके स्थान पर 05 पेड़ लगाये और उनका रक्षण किया जाए। आज बढ़ती पर्यावरण का ग्रास और तेजी से बढ़ता तापमान हमें निरंतर ईशारा कर रहा है कि पेड़ो की कटाई रोकी जाय। लेकिन हमारे जिम्मेदार सो रहे है।
महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती दवेसर ने बताया कि इस सम्बंध में उन्होंने एन.जी.टी राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण में भी शिकायत भेजी है और डी.पी.आर में भ्रामक जानकारी देकर प्रशासन और जनता को गुमराह करने के खिलाफ शीघ्र एफ.आई.आर दर्ज करवाने की प्रक्रिया जिम्मेदारों के विरूद्ध की जावेगी तथा जन आंदोलन के माध्यम से इस पर्यावरण हृास को रोकने का कार्य किया जायेगा।

