रतलाम ।
न्यायालय भवन स्थानान्तरण कार्यवाही के खिलाफ जिला अभिभाषक संघ मैदान में उतर गया है। संघ ने सोमवार को जिला न्यायालय से रैली निकालकर कलेक्टोरेट में एसडीएम नेहा भारतीय को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के नाम 5 सूत्रीय ज्ञापन दिया। इसमें न्यायालय भवन को शहर से दूर ग्राम नंदलई में स्थानान्तरित करने के प्रस्ताव का विरोध करते हुए स्थानान्तरण कार्यवाही को तत्काल निरस्त करने की मांग की गई है।
संघ अध्यक्ष संजय पंवार के नेतृत्व में निकले अभिभाषक नारेबाजी करते कलेक्टोरेट पहुॅचे। ज्ञापन का वाचन सचिव दीपक जोशी ने किया। ज्ञापन के अनुसार तत्कालीन कलेक्टर द्वारा 12 अप्रैल 2017 को दिए गए प्रतिवेदन के आधार पर जिला न्यायालय भवन के लिए ग्राम नंदलई एवं न्यायिक अधिकारियों के आवास के लिए बंजली में शासकीय भूमि आवंटित कर अभिलेखों में इंद्राज कर दी गई है। इसके साथ ही प्रशासनिक स्तर पर न्यायालय भवन को स्थानान्तरण करने की कार्यवाही शुरू हो गई। लेकिन यह किसी भी दृष्टि से व्यवहारिक नहीं है। नंदलई व बंजली ग्रामीण क्षेत्र में स्थित होकर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में आते है। जिला न्यायालय भवन को जिला मुख्यालय से हटाकर ग्रामीण में किया जाना विधि के विपरित है। ग्राम नंदलई रतलाम से 10 किमी वं बंजली 7 किमी दूर है। न्यायालय भवन यदि वहां स्थानान्तरित होगा तो पूरे जिले के नागरिकों को समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। इससे शासन की सस्ता एवं सुलभ न्याय देने की मंशा पर भी कुठाराघात होगा। वर्तमान में रतलाम में 745 अभिभाषक न्यायालय भवन में अपना व्यवसाय करते है। आसपास के भी कई अधिवक्ता पैरवी के लिए आते है। न्यायालय भवन दूर होने पर आवागमन की समस्या निर्मित होगी। इससे पक्षकारों को सर्वाधिक परेशानी उठाना पड़ेगी। अभिभाषकों को न्यायालय के साथ राजस्व मामलों में कलेक्टर, एसडीएम एवं तहसील कार्यालयों में भी जाना पड़ता है। न्यायालय भवन दूर चले जाने की स्थिति में 15 किलोमीटर की दूरी पर आना जाना पड़ेगा।
उन्होंने बताया कि जिला न्यायालय वर्तमान में जिला मुख्यालय पर स्थित होकर कलेक्टोरेट से कुछ ही दूरी पर स्थित है। जिला मुख्यालय होने से यहां सभी तहसीलों के निवासी आसानी से आ-जा सकते है। आवागमन की सारी सुविधाएं न्यायालय के लिए उपलब्ध है। कलेक्टोरेट का नया भवन महू-रोड पर निर्मित हो रहा है और कुछ ही दिनों में कलेकटोरेट कार्यालय वहां स्थानान्तरित हो जाएगा। न्यायालय के समीप ही पशु चिकित्सा विभाग का कार्यालय एवं अस्पताल भी स्थानान्तरित होने के कारण भवन रिक्त पड़ा। न्यायालय के समीप राज्य बीमा निगम अस्पताल की भूमि भी खाली पड़ी है और न्यायालय परिसर में भी काफी रिक्त भूमि उपलब्ध है। न्यायालय भवन के लिए नवीन कक्षों का निर्माण इन सभी स्थानांे पर किया जा सकता है। संघ ने न्यायालय भवन स्थानान्तरण की कार्यवाही के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन का निर्णय लिया है। इसके तहत प्रथम चरण में ज्ञापन दिया गया है। इस पर उचित कार्यवाही नहीं हुई तो अभिभाषक लोक अदालत के बहिष्कार और अनिश्चित काल के लिए काम बंद करने का कदम उठाएंगे। ज्ञापन देतेे समय संघ उपाध्यक्ष टीएन तिवारी, सहसचिव लोकेन्द्रसिंह गेहलोत, कोषाध्यक्ष भंवरसिंह हाड़ा, पूर्व अध्यक्ष शांतिलाल मालवीय, प्रवीण भट्ट, सुभाष उपाध्याय, आशुतोष अवस्थी, वरिष्ठ अभिभाषक निर्मल कटारिया, अमीन खान, केआर परमार, शांतिलाल चौधरी, मनमोहन दवेसर, अखिलेश श्रोत्रिय, नीरज सक्सेना, यज्ञेश बैरागी, अभय शर्मा, विमल छिपानी, सुनील पारिख, अरूण त्रिपाठी आदि उपस्थित थे।

