प्रकाश तंवर
स्तरहीन राजनीति से लोकतंत्र खतरे में है | कुछ कूटनीतिज्ञ कई बार बोलते हैं कि फला धर्म, फला जात से संबंधित लोगों पर खतरा है, ऐसे शख्स आम भारतीयों को गुमराह करने में लगे हैं | जबकि वास्तविकता यह है, कि कुछ समाजकंटक प्रजातंत्र की कमजोर कड़ी को अपने ढाल बनाकर राष्ट्र में अस्थिरता का वातावरण पैदा करने में लगे हुए हैं| जिससे युवा वर्ग को सही दिशा नहीं मिल पा रही है| बेरोजगारी महंगाई की मार से पूरा भारतीय समाज परेशान है| वहीं कुछ सिरफिरे भावनाप्रधान मुद्दों को हवा देकर देश के विकास की राह अवरुद्ध कर रहे हैं| राजनीतिक पार्टियां स्वयं के नेता और उनके गुर्गो की सुख सुविधा के अलावा देशवासियों के अच्छे दिन की फिकर नहीं कर रहे है| पेट्रोल डीजल की मार, खाद्य पदार्थ के ऊंचे दाम, वही लोगों की खाली जेब, बेकार हाथ, मानसिक तनाव आदि कई कई परेशानियां झेलने वाले लोग राजनीतिक नेताओं के लच्छेदार भाषण सुनने को क्यों मजबूर हो रहे हैं ? अब देश में आमजन को स्वविवेक से मतदान करने की आवश्यकता है|

