राजेश झाला ए.रज़्ज़ाक|
चैतन्य कश्यप फाउंडेशन ने कुपोषण मुक्त रतलाम के लिए भाजपा की शिवराज सरकार से भी दो कदम आगे बढ़कर कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने के उद्देश्य से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की अतिरिक्त मदद ली| वैसे तो केंद्र और राज्य की लोक कल्याणकारी योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ही पहुंचा रही है| फिर भी भाजपा सरकार इनका आर्थिक मानसिक शोषण करने से बाज नहीं आ रही है| पिछले दिनों रतलाम विधायक चेतन कश्यप ने 5 बच्चों को कम वजन से सामान्य वजन में लाने के लिए प्रति बच्चे के मान से 500 रूपये कार्यकर्ता को तथा 300 रूपये साहिकाओं को दिए| क्योंकि इन्हीं कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के दम पर ही चैतन्य काश्यप फाउंडेशन का अभियान सफल हुआ है| प्रदेश के महिला बाल विकास विभाग का भ्रष्टाचार पूरा देश जानता है, ऐसे में चैतन्य कश्यप फाउंडेशन ने कमजोर बच्चों को स्वस्थ करने का सराहनीय कदम उठाया| किंतु भाजपा सरकार से लगा कर भाजपाई नेता ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के मानदेय में विसंगति पैदा कर दी| 3 अक्टूबर बुधवार को विधायक सभागृह में जिन कार्यकर्ताओं को 500 रूपये के मान से ढाई हजार रूपये 5 बच्चों के सामान्य वजन पर देना थे, तथा 300 रूपये के मान से 5 कुपोषित बच्चों से सुपोषित करने पर सहायिकाओं को 15 सो रुपए देना थे| किंतु कुछ को 5 बच्चों पर केवल 1000 रूपये और एक घड़ी दे दी| इस प्रकार कर्मठ कार्यकर्ताओं के मानदेय में 500 रूपये कम कर दिए| वहीं 5 बच्चों पर साहिकाओं को 600 रूपये किस आधार पर दिए, किसी को तो केवल घड़ी देखकर ही चलता कर दिया गया, जिसकी सर्वत्र निंदा हो रही है| जिम्मेदारों को कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं का मानदेय पूरा देना चाहिए| अन्यथा जिम्मेदार संगठन प्रजातांत्रिक तरीके से आवाज उठाएं और बाजपाई की करनी को आमजन को बताएं कि किस प्रकार सत्ता धीश असहाय छोटे कर्मचारियों के हक मारते हैं|

