जीएसटी पर विफरे करदाता
रतलाम| राजेश झाला ए.रज़्ज़ाक
नया रतलाम बनाने वाले भाजपाई को शायद यह पता नहीं है, कि रतलामी मतदाता और कर दाता तो पुराने ही है| जिन्हें यह पता है, कि नगर परिषद भाजपा की है, और विधायक राज्य योजना आयोग उपाध्यक्ष भाजपा के हैं, महापौर भाजपा की है, प्रदेश सरकार भाजपा की है, केंद्र सरकार भाजपा की है, फिर भी शहर के करदाताओं और मतदाताओं को यह कहना कि, अब रोजाना शहरवासियों को पानी पिलाया जाएगा| अर्थात भाजपा प्रत्याशी कश्यप ने संकल्प पत्र में कहा कि, “पर्याप्त दबाव से हर दिन पानी मिलेगा” नगर की जनता की “मन की बात” पिछले भाजपा के 15 सालों में पूरी क्यों नहीं की? तत्कालीन महापौर श्रीमती आशा मौर्य, श्री शैलेंद्र डागा एवं वर्तमान की महापौर डॉक्टर सुनीता यार्दे, सहित श्री चैतन्य कश्यप जी भी शहर के विधायक हैं| तब आम जनता की पेयजल समस्या का स्थाई निदान करने की योजना धरातल पर क्यों नहीं लाए? सत्ताधीशो द्वारा “हथेली में स्वर्ग” दिखाने की योजनाओं को आम जन समझ चुका है| कांग्रेस की केंद्र सरकार ने क्षेत्रीय सांसद कांतिलाल भूरिया की अनुशंसा पर करोड़ों की यूआईडीएसएसएमटी प्रोजेक्ट की रतलामियो को सौगात दी| लेकिन भाजपाई व्यवस्था सिस्टम के चलते उक्त योजना में निगम द्वारा भारी अनियमितताएं बरती गई| कांग्रेसजन ने आरटीआई एवं अन्य तरीकों से भ्रष्ट लोगों की पोल खोली| आज यह सारी बातें रतलामी मतदाता अच्छे से जानते हैं| यही कारण है कि जीएसटी के फेर में उलझे व्यापारी, व्यवसायी भी कांग्रेसी उम्मीदवार श्रीमती प्रेमलता संजय दवे को विजयश्री का आशीर्वाद देने को आतुर हैं|

