रतलाम।
ग्राम कमेड़ में 23 जनवरी को हुए हत्याकांड में नया रहस्य सामने आया है। मृतक, मृतक न होकर खुद हत्यारा निकला। मृतक कोई ओर है जिसकी हत्या करने के बाद हत्यारे ने अपने कपड़े उसे पहनाए और शिनाख्ती के लिए अपने सामान भी लाश के आसपास बिखेर दिए थे। डीएनए टेस्ट से मामला सामने आया है। माना जा रहा है कि हत्यारे ने खुद की हत्या की साजिश बीमे के 20 लाख रुपए हड़पने और कर्जे से बचने के लिए रची थी।


पुलिस कंट्रोल रूम पर एसपी गौरव तिवारी, एएसपी प्रदीप शर्मा और सीएसपी विवेकसिंह चौहान, एसडीओपी मानसिंह चौहान ने मामले की जानकारी दी। एसपी ने बताया कि 23 जनवरी को कमेड़ में मृतक के पिता ने ही पुलिस को सूचना दी थी कि उसके बेटे हिम्मत पाटीदार की हत्या कर चेहरा जला दिया गया है। मामले में प्रारंभिक रूप से परिजनों ने मृतक की पहचान कपड़ो, सामान के आधार पर हिम्मत के रूप में की थी। लेकिन जब जांच आगे बढी तो यह बात पुलिस के सामने आई कि 2 साल पहले हिम्मत के खेत पर काम करने वाला हाली मदन भी गायब है। पहले पुलिस को लगा कि मदन कातिल है, लेकिन जैसे जैसे मृतक की डायरी से बीमा नंबर, एफडी, पिन नंबर आदि की जानकारी मिली, मृतक के फोन से सारा डाटा गायब था आदि के आधार पुलिस को शंका हुई। इसके बाद पुलिस ने डीएनए टेस्ट करवाया तो पूरा खुलासा हो गया।
10 हजार का ईनाम-
डीएनए टेस्ट में साबित हो गया कि जो लाश मिली है वह हिम्मत की नहीं है। शव पूर्व हाली मदन की है। ऐसे में पुलिस को पता चला कि हिम्मत ने मदन की हत्या कर उसकी कदकाठी एक जैसी होने का लाभ उठाया और उसे हिम्मत बनाकर खुद की हत्या की झूठी कहानी गढ दी। इसके बाद से हिम्मत फरार है। एसपी ने हिम्मत पर 10 हजार रुपए का ईनाम घोषित कर दिया है जो उसका पता बताने वालों को दिया जाएगा।
बीमे की राशि का लालच-
एसपी ने बताया कि हिम्मत ने स्टेट बैंक से करीब 20 लाख रुपए की बीमा लिया था जिसकी नॉमिनी उसकी पत्नी थी। हिम्मत लेन-देन का काम करता था, और लंबे समय से काफी कर्ज में डूबा हुआ था। कर्जे चुकाने से बचने और बीमे की राशि हड़पने के लिए उसने पूरी साजिश रची थी। फिलहाल पुलिस इस बात की जांच में जुटी है कि उसके परिजन उसके साथ इस साजिश में शामिल थे या नहीं।