राजेश झाला ए. रज़्ज़ाक


राष्ट्र के गौरव पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई के विचारों को आत्मसात करने की देशवासियों से ही देश के कर्णधारों को आवश्यकता है जिसमें अलग अलग विचारधारा रखने वाली राजनीतिक दलों को एक जाजम पर बैठाने का श्रेय श्री अटल जी को है पूर्व पीएम वाजपेई जी ने देश की राजनीति को स्थिरता देने तथा राष्ट्र की चौमुखी विकास के खातिर मतभेद वाली पार्टियों से भी हाथ मिलाने में कभी गुरेज नहीं किया और ना ही मन भेद किया निरीक्षण एवं स्पष्ट स्वभावी बेबाक टिप्पणी करने में अटल जी को कभी पार्टी की गाइड लाइन आड़े नहीं आई यही कारण रहा कि देश की पूर्व प्रधानमंत्री प्रियदर्शनी श्रीमती इंदिरा गांधी जी को भी दुर्गा का रूप कहने में भी संकोच नही किया । पूर्व रेल मंत्री स्व. माधवराव सिंधिया के सामने जब जनाधार वाजपेयी जी के विरुद्ध गया तब भी पूरे विश्वास के साथ यही कहा कि हमे जितना नीचे जाना था चले गए अब ऊपर जाने की बारी हमारी है। ऐसे आत्म विश्वासी श्रधेय अटल जी राष्ट्र के गौरव है। जो किसी भी पार्टी से ऊपर उठे हुए हैं। ऐसे व्यक्ति के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को भारतवासी हृदय में अंकित करके रखते हैं। ऐसे विरले वव्यक्तित्व को जनवकालत परिवार सदैव स्मरण करता रहेगा।

 
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