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महापौर के चुनाव को चुनौती देने की याचिका पेश, जिला न्यायालय द्वारा नोटिस जारी करने के आदेश…

breaking मध्यप्रदेश रतलाम

रतलाम। जनवकालत न्यूज

माननीय जिला न्यायालय द्वारा हाल ही में संपन्न हुए महापौर के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर चयनित महापौर प्रहलाद पटेल तथा शेष 5 प्रत्याशियों को नोटिस जारी करने के आदेश दिए गए।

माननीय जिला न्यायाधीश राजेश कुमार गुप्ता ने यह आदेश महापौर के कांग्रेस प्रत्याशी मयंक जाट की याचिका पर दिए। याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी एडवोकेट अभिनव पी धनोदकर द्वारा की गई ।

याचिकाकर्ता मयंक जाट ने अपनी याचिका में चुनाव में भ्रष्ट आचरण अपनाकर तथा मतदाता को प्रभावित कर आदर्श आचार संहिता के वितरित चुनाव लड़ने का आरोप लगाया।

याचिका में कहा गया कि सत्तारूढ़ दल के वित्त मंत्री दिनांक 12 जुलाई को रात्रि तक शहर में भ्रमण कर मतदाताओं को प्रभावित करते रहे । विधायक चेतन काश्यप ने विभिन्न प्रकार की असत्य घोषणा कर मतदाताओं को भ्रमित किया। कई पेड न्यूज़ प्रकाशित की गई।

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने आमसभा करने के लिए प्रारंभ में अनुमति देने से इन्कार किया , तथा बाद में , मुख्यमंत्री जी की आमसभा तय हो जाने पर , आमसभा के समय से मात्र 2 घंटे पहले अनुमति दी। जिससे वह 5 के स्थान पर मात्र 2 ही आमसभा कर सका।

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा द्वारा सार्वजनिक रूप से कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ असत्य टिप्पणी की गई , जिससे उसकी छवि धूमिल हुई और मतदाता भ्रमित हुए।

याचिकाकर्ता मयंक जाट ने कहा कि नगर निगम द्वारा शहर में नियम के विपरीत अर्धरात्रि को सड़को की रिपेयरिंग , लाइट तथा कलर का कार्य किया गया। मुख्यमंत्री के रोड शो के मार्ग को 50 से अधिक फायर ब्रिगेड लगा कर पानी से धोया गया। तथा मुख्यमंत्री की रैली तथा सभा के लिए शासकीय मशीनरी का दुरुपयोग किया गया।

याचिकाकर्ता ने कहा कि नियम के विपरीत गोल्ड काम्प्लेक्स का टेंडर खोला गया और उसका प्रचार किया गया। नगर निगम आयुक्त द्वारा आचार संहिता के विपरीत भाजपा उम्मीदवार को लाभ पहुंचाने के लिए 60 से ज्यादा वाहन लगा कर मतदाताओं को मतदान केंद्र पर लाया गया तथा उन्है भाजपा को वोट देने के लिए कहा गया।

याचिकाकर्ता ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर झूठे प्रकरण दर्ज किए गए। उन्हें गैरकानूनी रूप से धारा 151 मे बंद कर 10-10 दिन तक जेल में निरुद्ध किया गया , और मतदान करने तथा चुनाव प्रचार का कार्य करने से रोका गया।

याचिकाकर्ता ने कहा कि मशीनो में हेरफेर किए गए तथा 23 बूथ पर गिरे मत तथा प्राप्त मत मे 1 मत से लगाकर 62 मत तक का अंतर पाया गया।

याचिकाकर्ता ने भाजपा उम्मीदवार द्वारा चुनाव में भ्रष्ट आचरण तथा मतदाता को प्रभावित करने के लिए तथा शासकीय मशीनरी का दुरुपयोग करने के लिए चुनाव को निरस्त करने की मांग की है।

 

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