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सेंडमेप अधिकारी के बाद अब पुलिस को अन्य अधिकारियों की तलाश

breaking रतलाम

– पीएम आवास मेंआवंटन के दौरान गड़बड़ी का मामला

रतलाम।

प्रधानमंत्री आवास योजना में कलेक्टर की अनुमोदित सूची में फेरबदल कर तेरह पात्रों के स्थानय पर अन्य नाम व बैंक खाते अंकित करवाकर राशि आवंटन कराने के मामले में पुलिस ने गहनता से जांच शुरू कर दी है। पीएम आवास योजना के नोडल अधिकारी सुरेशचंद्र व्यास से करीब पांच घंटे की पूछताछ के बाद कुछ रिकॉर्ड जब्त किए हैं।

मामले के जांच अधिकारी अय्युब खान ने बताया कि कार्यपालन यंत्री सुरेशचंद्र व्यास की शिकायत पर पीएम आवास योजना के सर्वे एवं अन्य कार्य में लगी कंपनी के कर्मचारी दीपक कुमावत के खिलाफ धोखाधड़ी एवं अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया है। आज कार्यपालन यंत्री सुरेशचंद्र व्यास के बयान भी लिए गए है। जिसमें उन्होंने अभी तक प्राथमिक रूप से त्रुटि और धोखाधड़ी करने का जिम्मेदार सेंडमेप कर्मचारी दीपक कुमावत को ही बताया है। पुलिस मामले में गहनता से जांच कर रही है। इस सेंडमेप कर्मचारी के अलावा निगम के किन-किन अधिकारियों की जिम्मेदारी थी। उनसे भी मामले में पूछताछ की जाएगी और अनियमितता सामने आने पर प्रकरण दर्ज किया जाएगा। फिलहाल कुमावत की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

इन नामों में हुआ फेरबदल

नगर निगम रिकार्ड में क्रमांक रिकॉर्ड में दर्ज नाम हेरफेर उपरांत सेंडमेप क्रमांक हेरफेर के बाद दर्ज नाम

105 जायदा/हजमत 105 ममता/राजेंद्

106 युनुस/बन्ने खां 106 आकाश/जॉन

107 असलम/नाजिरखां 107 जाकिर हुसैन/मो. हुसैन

108 शकील/मंगलशाह 108 रहीश खान/सलीम खान

109 कैलाश/कालू 109 एहतेशाम बानो/मो. साजिद

110 मनीषा/झुझार 110 आशिकखान/बाबू

117 कैलाश/बाबूनाथ 117 शकीलाबानो/बाबू

121 आकाश/शंभू 121 अफरोजबी/रहीश खान

123 शिवा/मुंशी 123 दीपक सेवडिया/राजू

124 रशीदा/अमरसिंह 124 नासिर/मोहसिनखान

125 दिनेश/बने सिंह 125 शहीना/मोहसिन खन

126 देवा/सुरेश 126 नसीम/मो.इब्राहिम

127 किशन/सोमाजी 127 शहीनाबी/जावेदखान

यह है मामला

पुलिस के अनुसार पीएम आवास योजना में ईश्वर नगर, बिरियाखेड़ी और बंजरग नगर के 1483 हितग्राहियों को लाभान्वित करने की योजना थी। इन 1483 हितग्राहियों का मौके पर पात्रता के मान से सेडमेप कंपनी से सर्वे कराया गया।सत्यापन उपरांत 619, 540 और 320 हितग्राहियों की अलग-अलग तीन सूचियंा बनाई गई। इस पर निगम के उपयंत्री , सहायक यंत्री , कार्यपालन यंत्री और पीएम आवास योजना कार्य में लगी कंपनी के अधिकारियों सहित निगम आयुक्त ने हस्ताक्षर कर तीनों सूची को कलेक्टर के समक्ष अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया। कलेक्टर के अनुमोदन के पश्चात एक प्रति निगम कार्यालय की नस्ती में रखी गई और एक प्रति सेडमेप कंपनी को योजना की अगली कार्रवाई के लिए दी गई। कंपनी द्वारा जिन हितग्राहियों के बैंक खाते संबधी जानकारी पूर्ण थी, उनकी सूची बनाकर लेखा विभाग में भेज दी गई, जिसके बाद सूची के अनुसार हितग्राहियों के खातों में किश्त जमा कराई गई। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब पीएम आवास योजना के लिए एक महिला के खाते में 50 -50 हजार की दो किश्त याने एक लाख रुपए जमा हो गए और वह इसकी शिकायत लेकर निगम पहुंच गई। जब मौके पर उक्त महिला का निवास नहीं मिला तो इस गड़बड़ झाले का पता चला। बाद में जब अनोमोदित सूची की जांच की गई तो पता चला कि सूची में 13 नामों में फेरबदल किया गया है।

जिला कलेक्टर को दी शिकायत

एडवोकेट अमित पांचाल ने बताया कि उनकी पक्षकार ममता पति राजेंद्र श्रीवास्तव ने पूरे मामले की शिकायत कर उजागर किया था। वहीं आवेदिका ने ११ जून को एफआईआर दर्ज करने का निवेदन किया था। निगम के अधिकारी सुरेशचंद्र व्यास की ओर से पुलिस थाना स्टेशन रोड को जांच रिपोर्ट का प्रतिवेदन तैयार कर भेजा गया। जिस आधार पर थाना पुलिस ने प्रकरण सिर्फ निजी कंपनी के सेंडमेप कर्मचारी दीपक कुमावत के खिलाफ ही प्रकरण दर्ज किया गया है। लेकिन उनकी शिकायत आज दिनांक तक दबा रखी है। उनकी शिकायत पर आज तक अपराध दर्ज नहीं किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना का काम देखने वाले निजी संस्था के कर्मचारियों से मिलीभगत कर षड़यंत्र कर एक ही कर्मचारी पर अपराध पंजीबद्ध करवाया है। आपसे निवेदन है कि थाना प्रभारी को उनकी शिकायत पर भी अपराध दर्ज करने के आदेश करें।

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