रतलाम। अल्ताफ़ अंसारी की रिपोर्ट
मध्य प्रदेश में जहां एक और स्कूल चले हम अभियान के तहत बच्चों को स्कूल लाने के लिए और शिक्षा के लिए शासन द्वारा अनेक योजनाएं बनाई जाती है उसी तरह शिक्षकों को भी स्कूलों की ओर पूर्ण समय देने और समर्पित होकर कार्य करने के लिए भी तरह तरह कार्य शैली अपनाई जाती है उसी कड़ी में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा स्कूलों को जहां एक और कंप्यूटरीकृत और आधुनिकता का जामा पहनाया जा रहा है और शिक्षा की प्रणाली को भी नित नई तकनीकों से जोड़ा जा रहा है और शिक्षकों के हाथों में रहने वाले डिजिटल इंडिया का ख्वाब पूरा करने वाले मोबाइल ऐप के माध्यम से शिक्षकों को स्कूल में आगमन और प्रस्थान की कड़ी का शिक्षक वर्ग द्वारा खुलकर और पुरजोर विरोध किया जा रहा है जिले के ब्लॉक स्तर पर और जिले स्तर पर शिक्षकों द्वारा इंटरनेट शिक्षा मित्र एप का विरोध देखने को मिला शिक्षकों द्वारा इस ऐप का विरोध करते हुए मध्यप्रदेश शासन की मंशा पर भी शंका व्यक्ति की और शासन को खुलकर चुनौती भी प्रस्तुत किए आपको बता दें कि शिक्षामित्र ऐप के माध्यम से शिक्षकों को निर्धारित समय पर ऐप के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज करानी है आगमन और प्रस्थान इसी ऐप के माध्यम से आप की उपस्थिति दर्ज कराएं ऐसी मंशा को लेकर स्कूल में इस ऐप की अनिवार्यता के विरोध में आज कलम धारी शिक्षक विरोध पर उतर आए किसी प्रकार की ट्रेनिंग वगैरा का विरोध किया है ट्रेनिंग हाल खाली पड़े दिखाइए ट्रेनर खाली कंप्यूटर को खंगाल ती रही अधिकारी मुंह देखते रहे खाली कुर्सियों को निहारते रहे और शिक्षक वर्ग जो बहार विरोध करता रहा| अब महत्वपूर्ण सवाल कि है कि क्या वास्तव में शिक्षामित्र ऐप मैं कितनी विसंगतियां है जो किसी शिक्षक के स्वाभिमान को ठेस पहुंचा सके आर्थिक हानि पहुंचा सके और ज्ञान के मर्म को समझने वाला शिक्षक इतना आक्रोशित होकर इस कार्य को अपने स्वाभिमान पर विषय बना सके हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि आए दिन कहीं ना कहीं किसी ना किसी रूप में समय की आवाजाही पर उंगलियां भी उठती है जो यथार्थ के बहुत ही करीब होती है।