भोपाल/रतलाम।नगेन्द्र सिंह
पिछले सप्ताह म.प्र. की राजधानी में कांग्रेस की भीड़ थी, गत दिवस भाजपा ने भोपाल में महाभीड़ का आयोजन किया। वर्षों पहले कांग्रेसी सत्ता के विरूद्ध वी.पी. सिंह ने रक्षा सम्बंधि मुद्दा उठाया था। और देश के पी.एम तक बन गये थे। तब तात्कालिन दोस्ताना पार्टी भाजपा ने वी.पी. सिंह सरकार को गिरा दी थी। अब देश में यू.पी.ए और एन.डी.ए का जमाना है। और देश में वर्तमान में फिर रक्षा सौदे को लेकर सियासतबाजी तेज हो गई है। वर्तमान के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मंच से यह बात बोल गये कि ‘जो पार्टी समाज के समूहों को पकड़कर, चुनाव जीतने के हथकण्डे अपनाते है, वे किसी का भला नहीं चाहते। वे तो सिर्फ अपनी कुर्सी बचाए रखना चाहते है।’ प्रदेश में शिव सरकार जाति विशेष के नेताओं को अपने-अपने समाज में सक्रिय कर रहे है। ऐसे में क्या शिवराज, पी.एम. मोदी की सलाह मानेंगे..? प्रदेश के मामा को कांग्रेस के राहुल बाबा से शिकायत है, कि मानसरोवर के फोटो वायरल कर दिये। लेकिन विदेशी यात्राओं के क्यों नहीं..? मामाजी की बात में दम दिखा और राहुल तो ठीक देश-प्रदेश में पूरी कांग्रेस विदेशी चर्चा में ही लग गई है। राहुल की विदेश यात्रा का ही परिणाम है कि अब सत्ताधीश को फ़्रांस से की गई सौदेबाजी की सही कीमत बताना पडेगी। राफेल मुद्दा पी.एम. की गले की ऐसी हड्डी बन गई। कि वह भोपाल के मंच से राफेल पर कन्नी काट गये। फ्रांसुआ औलांद ने जब सौदे की मीडिया में जानकारी दी, तो देश में बोफोर्स जैसा माहौल बनने लगा है। भाजपा के सिरमोर अमित शाह ने कहा म.प्र. में कांग्रेस के राजा, महाराजा, उद्योगपति कुछ नहीं कर पायेंगे। उपरोक्त व्यक्तव्य को आमजन ने गम्भीरता से लिया है। प्रदेशवासियों ने अनिल अम्बानी जैसे उद्योगपतियों के विरूद्ध कांग्रेस नेताओं को चेताना प्रारम्भ कर दिया है कि यदि हमारे देश की सुरक्षा को लेकर कोई पूंजीपति राफेल जैसा घोटाला करने की कोशिश करे, तो तुरंत जनआंदोलन कर देश की आन-बान-शान के खातिर कमीशनबाजों के नाम उजागर करे। मोदी जी कालेधन के नाम पर सत्ता हासिल करके बैठ गये। किन्तु कालाधन लोगों के जनधन खाते में आज तक नही आया। और ना ही स्वीस बैंक के कालेधन वालों के नाम देशवासियों को बताए। आखिर फ़्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ने हमारे देश के पी.एम. को अपशब्द क्यों कहे..? देशवासियों को सच कब बतायेगी भाजपा।