हितेंद्र जोशी
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के (पुत्र सवर्ण जाति के) रतलाम के प्रभारी मंत्री दीपक जोशी ने झाबुआ में एट्रोसिटी एक्ट पर कहा कि भाजपा सरकार ने जनता के फीडबैक के आधार पर निर्णय लिया, और हम जनप्रतिनिधि होने के नाते सरकार के साथ हैं| आंकड़ों के दम पर सत्ता चलाने वाले महंगाई नहीं देखते हैं, महंगाई पर ड्रामा करने का काम भी पक्षियों का है| पिछले दिनों जावरा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के राष्ट्रीय नेता की सभा इसलिए स्थगित हुई क्योंकि अभी वर्तमान में एससी एसटी एक्ट के विरुद्ध संवादों का मुखर होना है| रतलाम में भी भाजपा पार्षद नेत्री ने सवर्णों के पक्ष में बयान दिए, वही कोई कांग्रेसी पदाधिकारी अभी हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है| स्मरण रहे आगामी विधानसभा चुनाव पर सपाक्स एवं सहयोगी संगठनों की गाज भाजपा एवं कांग्रेस पर गिरने वाली है| ऐसी स्थिति में भाजपा कांग्रेस के जिम्मेदार कोई बीच का रास्ता निकालने की रणनीति गुपचुप बना रहे हैं| लेकिन अजाक्स भी विधानसभा में राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टियों को चुनौती देगी, ऐसे में तीसरा मोर्चा यदि सक्रिय होता है, तो निश्चित रुप से प्रदेश की राजनीति में परिवर्तन नजर आएगा | कई विधानसभा से निर्दलीय उम्मीदवारों की उम्मीदों का ग्राफ बढ़ गया है| ऐसे में क्षेत्रीयता एवं जातीय के आधार पर भी इस बार प्रजातंत्र में मतदाता अपने मत का दान करेंगे| देश के विशेषज्ञों का मानना है कि यदि स्वस्थ लोकतंत्र में धर्म, जाति, क्षेत्र को आधार बनाकर चुनावी बाजार गर्म होता है तो यह जनतंत्र के लिए अच्छा संदेश नहीं है| हम कबीलेवाद में झगड़ा करने लगेंगे, और प्रजातंत्र की नींव कमजोर होगी| जो किसी भी कीमत पर राष्ट्रीय हित में नहीं होगा| देश के सविधान वत्ताओ को वर्तमान के जनप्रतिनिधियों एवं संसद सदस्यों की क्लास लेना चाहिए | तथा राष्ट्र हित में सही गलत की परिभाषा पर सूक्ष्मता से समीक्षा करने की आवश्यकता है| क्योंकि पहले हमारा राष्ट्र है देश है और हम देशवासी पहले भारतीय हैं फिर किसी धर्म जाति पंथ क्षेत्र के हैं |