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राज्यपाल से चर्चा कर 8वी पास चंपा निनामा ने कहा कड़कनाथ पालन कर करवाई बेटियो की पढ़ाई पूरी

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कलेक्टर कार्यालय में राज्यपाल ने किसानो से किया संवाद

झाबुआ | इक़बाल हुसैन

 

कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष मे आज राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने किसानो एवं विभिन्न योजनाओ प्रधानमंत्री आवास, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, डिजीटल इंडिया, उज्जवला योजना एवं सौभाग्य योजना आदि के हितग्राहियो से चर्चा की। राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने योजना का लाभ लेकर आय बढाने वाले किसानो से चर्चा की। मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के कस्टम हायरिंग सेंटर का संचालन कर आय दोगुनी करने वाले गवसर के राजू हटिला, भगोर के मुकेश खपेड से, एवं कड़कनाथ पालन कर एक लाख रुपये आय अर्जित करने वाली 8 वी पास चंपा निनामा से संवाद किया। बैठक मे उनके साथ विधायक पेटलावद सुश्री निर्मला भूरिया, विधायक श्री शांतिलाल बिलवाल, कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना, एसपी श्री महेशचंद्र जैन, सीईओ जिला पंचायत जमुना भिडे सहित जनप्रतिनिधि, शासकीय अधिकारी एवं आमजन उपस्थित थे।
धमोई गांव की रहने वाली चंपा निनामा ने बताया कि वह मात्र 8 वी कक्षा तक पढी है, वे आगे नही पढ पाई लेकिन वे अपनी बेटियो को आगे पढाना चाहती थी। इसके लिये उन्होने शासन की कड़कनाथ मुर्गा पालन योजना मे चूजे लिये और पालना शुरु किया। तीन साल मे 1 लाख रुपये आय अर्जित की। चंपा ने बताया कि प्राप्त आमदनी से उन्होने अपनी तीन बेटियो को अच्छी पढाई करवाई और तीनो नौकरी कर रही है। आज राज्यपाल से बात करने का अवसर मिला, मुझे बहुत अच्छा लगा। मैने कभी नही सोचा था कि कड़कनाथ मुर्गी पालन का व्यवसाय मुझे राज्यपाल से चर्चा का अवसर प्रदान करेगा।

राजू ने कहा नौकरी से अच्छा है व्यवसाय-

राज्यपाल से चर्चा के दौरान राजू हटिला ने बताया कि उसने ग्रेज्युएट तक पढाई की और नौकरी के लिये इधर उधर भटक रहे थे, तभी कस्टम हायरिंग सेंटर योजना के बारे मे शासकीय योजना का पता चला तो उसने शासन से 50 प्रतिशत सब्सिडी पर 14 लाख रुपये ऋण लेकर कस्टम हायरिंग सेंटर खोलकर आसपास के 4-5 गांवो मे किसानो को किराये पर कृषि उपकरण उपलब्ध करवाने का व्यवसाय शुरु किया। कस्टम हायरिंग सेंटर से राजू ने दो साल मे 8 लाख रुपये की आय अर्जित की। राज्यपाल ने राजू से पूछा नौकरी अच्छी है या यह काम, तो राजू ने खुश होकर उत्तर दिया सर नौकरी से यह काम बहुत अच्छा है। इस काम से मुझे तो आमदनी हो ही रही है साथ ही आसपास के गरीब किसाना जो महंगे कृषि उपकरण नही खरीद सकते उन्हे कृषि कार्य मे सुविधा मिल जाती है।
कस्टम हायरिंग सेंटर चलाने वाले भगोर निवासी मुकेश खपेड ने बताया कि वे पहले खेती और मजदूरी का काम करते थे। अहमदाबाद मे भी मजदूरी की। उसके बाद शासन से कस्टम हायरिंग योजनांतर्गत 6 लाख 25 हजार ऋण लिया और साढे तीन साल मे साढे 10 लाख रुपये आय अर्जित की। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेने वाले श्री गुलाबसिंह जोगडिया ने बताया कि उन्हे फसल बीमा योजना का 15,600 रुपये का लाभ मिला जिससे फसल नुकसानी का उन पर आर्थिक प्रभाव नही पडा । इसके लिए शासन का बहुत बहुत धन्यवाद।

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